नवरात्रि सिद्धि साधना
आदिशक्ति भगवती दुर्गा के संबंध में सर्वाधिक ग्रंथों की रचना हुई है, पूरे भारत वर्ष में ऐसा कोई देश-प्रदेश नहीं होगा। जहां किसी न किसी रूप में मां दुर्गा का आव्हान नवरात्रि के अवसर पर नहीं किया जाता हो, यह पर्व तो शक्ति, साधना, सौभाग्य का महापर्व है जहां साधक सब कुछ भूल कर मां दुर्गा की स्तुति में, भक्ति में, पूजा में अपने आपको लीन कर देता है, शरीर और मन दोनों के कष्टों का पूर्ण रूप से निवारण मां के चरणों की पूजा में ही निहित है।
अर्थात, चैत्र नवरात्रि इस महान नवरात्रि पूजन का महत्व अत्यंत महान है, इस महापूजा मेें साधक सब बाधाओं से विमुक्त हो जाता है और धन-धान्य, सौभाग्य की प्राप्ति होती है, मनुष्य के भविष्य की उज्ज्वल करने वाली इस महापूजा के संबंध में कोई संषय नहीं है।
इस बार नवरात्रि मेें पूरे नौ दिन अक्षुण्ण है, इसीलिए यह पूर्ण नवरात्रि पर्व है, ऐसा सिद्ध मुहुर्त कई सालों बाद आया है, इन नौ दिनों में साधक को नौ साधनाऐं संम्पन्न करनी या करवानी चाहिए, प्रत्येक साधना के लिये अलग-अलग विधान है, मंत्र है और क्या करना है, किस प्रकार से करना है, यह हम आपको बता रहे है-
प्रथम दिवस
चैत्र नवरात्रि 01, मंगलवार, दिनांक 13.04.2021 को नवरात्रि का प्रथम दिवस है। इस दिन घट स्थापना कर दुर्गा पूजा का आव्हान किया जाता है, उस दिन शक्ति के संबंधित सभी प्रयोग करने है, शत्रु बाधा-शांति, शत्रु स्तम्भन, विवाद-विजय प्रयोग संम्पन करने का यह दिवस है।
द्वितीय दिवस
चैत्र नवरात्रि 02, बुधवार, दिनांक 14.04.2021 इस दिन ऋण समाप्ति, आर्थिक उन्नति, भौतिक सुख-सम्पन्नता में वृद्धि हेतु लक्ष्मी साधना प्रयोग संम्पन्न किया जाना है।
तृतीय दिवस
चैत्र नवरात्रि 03, गुरूवार, दिनांक 15.04.2021 इस दिन यश प्राप्ति, उन्न्ति, प्रशंसा, सहयोग हेतु साधना का महत्व है।
चतुर्थ दिवस
चैत्र नवरात्रि 04, शुक्रवार, दिनांक 16.04.2021 को सौंदर्य सिद्धि, भौतिक सिद्धी, तथा कार्य सिद्वि हेतु साधना की जाना चाहिये।
पंचम दिवस
चैत्र नवरात्रि 05, शनिवार, दिनांक 17.04.2021 इस दिवस को उपांग ललिता साधना सम्पन्न की जाती है।
शष्ठम दिवस
चैत्र नवरात्रि 06, रविवार, दिनांक 18.04.2021 यह दिन कुंडलिनी जागरण दिवस है, इस दिन को अपने भीतर पूर्ण चेतना उत्पन्न कर मूलाधार से सहस्त्रार तक चैतन्य करने की प्रक्रिया का दिन है।
सप्तम दिवस
चैत्र नवरात्रि 07, सोमवार, दिनांक 19.04.2021 यह कालरात्रि दिवस है और इस दिन माता काल रात्रि के साथ ही अपने बच्चों की वाणी, बुद्धि संबंधित सिद्धी भी कि जाती है क्योंकि यह सरस्वती दिवस भी होता है।
अष्टम दिवस
चैत्र नवरात्रि 08, मंगलवार, 20.04.2021 इस दिन व्यापार, आकस्मिक धन लाभ, व्यापार में वृद्वि बिक्रि में वृद्धि, नया व्यापार प्रारंभ करने, व्यापार विस्तार विचार से संबंधित साधना सिद्धी हेतु प्रयोग संपन्न कराया जायेगा।
इस प्रकार नवरात्रि के नौ दिन, नौ सिद्धि दिवस है, जिसमें विधि-विधान सहित पूजन संम्पन्न कर साधक अपना जीवन नये ढंग से प्राप्त कर सकता है। हम यहां नौ दिनों के हिसाब से नौ देवी के मंत्र भी बता रहे है जिन्हे जप कर साधक मनोकामना पूर्ण कर सकता है।
प्रथम दिवस मंत्र - ।। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ।। एवं ।। ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम: ।।
द्वितिय दिवस मंत्र - ।। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: ।।
तृतीय दिवस मंत्र - ।। ॐ श्रीं स्ह क्लहीं श्रीं सर्व कीर्ति सर्व साम्राज्यां नम:।।
चतुर्थ दिवस मंत्र - ।। ॐ ह्रीं नम: भगवति माहेश्वरी त्र्प्रन्नपूर्णे स्वाहा।।
पंचम दिवस मंत्र - ।। क्लीं उपांगललिता देवी विद्महे कामेश्वरी धीमहि।।
शष्टम दिवस मंत्र - ।। ॐ ह्रीं ह्रीं ऐं ऐं कात्यायन्यै नम: ।।
सप्तम दिवस मंत्र - ।। ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम:।।
अष्टम दिवस मंत्र - ।। ऐं ह्रीं आद्यलक्ष्मीं स्वयंभुवै ह्रीं ज्येष्ठायै नम:।।
नवम दिवस मंत्र - ।। ॐ ज्वल ज्वल शूलिनी दुष्ट ग्रहान हुं फट् स्वाहा।।
इस प्रकार से नौ दिनों तक प्रतिदिन इन मंत्रों की ग्यारह-ग्यारह मालाऐं विशेष माला के द्वारा जप करना है, जिससे भवगती दुर्गा हम पर प्रसन्न हो सकें।